Self Help Group गाँव की महिलाओं की पहल: सेहत और स्वाद का बेहतरीन संगम
Self Help Group बरनाला जिले के भोतना गांव की पांच महिलाओं ने ‘सुखमणि सेल्फ हेल्प ग्रुप’ बनाकर मोटे अनाज से बने उत्पादों के माध्यम से सेहतमंद जीवनशैली और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है।
मोटे अनाज के उत्पादों के माध्यम से स्वास्थ और समृद्धि का संदेश
बरनाला जिले के भोतना गांव की पांच महिलाओं ने अपने साहस और संकल्प से एक मिसाल कायम की है। अमरजीत कौर, नरेंद्र पाल कौर, हरविंदर कौर, गुरप्रीत कौर, और कर्मजीत कौर ने मिलकर 10 साल पहले ‘सुखमणि सेल्फ हेल्प ग्रुप’ Self Help Group की नींव रखी थी। इस ग्रुप के माध्यम से ये महिलाएं न केवल मोटे अनाज के उत्पाद बेच रही हैं, बल्कि समाज को सेहतमंद जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं। इनका उद्देश्य पुरानी पारंपरिक खाने की आदतों को फिर से जीवित करना है, ताकि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को कम किया जा सके।
स्वस्थ जीवनशैली को पुनर्जीवित करने का प्रयास
ग्रुप की शुरुआत से पहले, ये महिलाएं खेती विरासत मिशन से जुड़ी थीं, जो ऑर्गेनिक खेती और किचन गार्डन के महत्व को बढ़ावा देता था। अमरजीत कौर ने बताया, “हमने लोगों को समझाया कि वे अपने घरों के बगीचे में ऑर्गेनिक तरीके से नींबू, मिर्च, टमाटर जैसी सब्जियाँ उगाकर रोज़ाना लगभग 200 रुपये की बचत कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें पौष्टिक और केमिकल-रहित भोजन भी मिल सकता है।”
इन महिलाओं ने एक सर्वे के माध्यम से पाया कि ब्लड प्रेशर, शुगर, कैंसर जैसी बीमारियों का मुख्य कारण आधुनिक भोजन की आदतें हैं, जिसमें लोग मैदा आधारित उत्पादों का सेवन करते हैं। इस समस्या के समाधान के रूप में, उन्होंने मोटे अनाज जैसे ज्वार, मक्की, बाजरा से बने उत्पादों को बढ़ावा देना शुरू किया।
बाजार में सुलभता और उत्पादों की लोकप्रियता
साल 2016 में इस ग्रुप को औपचारिक रूप से पंजीकृत किया गया। तब से ये महिलाएं सरस मेलों, लोकल मेलों और विभिन्न शहरों में अपने स्टॉल लगाती आ रही हैं। इनके उत्पादों में बाजरे और मक्की से बना पिज्जा बेस, बिस्किट, मट्ठी और मौसम के अनुरूप अचार शामिल हैं। ये महिलाएं लाइव फूड भी बनाकर बेचती हैं, जिसमें मक्की की रोटी, सरसों का साग, सोयाबीन और मशरूम की सब्जियाँ शामिल होती हैं।
अन्य राज्यों में भी मांग
‘सुखमणि सेल्फ हेल्प ग्रुप’ के उत्पादों की मांग केवल पंजाब तक सीमित नहीं है। ये महिलाएं केरल, कर्नाटक के बड़े शहरों के साथ-साथ मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, और आगरा जैसे महानगरों में भी अपने उत्पादों को ले जाती हैं। इनके उत्पादों की गुणवत्ता और स्वाद ने इन्हें व्यापक पहचान दिलाई है।
सेहत के साथ मुनाफा
इन महिलाओं के प्रयास न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बना रहे हैं, बल्कि समाज को भी एक महत्वपूर्ण संदेश दे रहे हैं। इनके उत्पाद लोगों को अपने पारंपरिक आहार की ओर लौटने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिससे कई गंभीर बीमारियों का जोखिम कम होता है। अमरजीत कौर का कहना है, “हम न सिर्फ सेहतमंद खाद्य पदार्थ बनाते हैं, बल्कि इन्हें बेचकर मुनाफा भी कमा रहे हैं, जिससे हमारा आत्मनिर्भरता का सपना साकार हो रहा है।”
उम्मीदों की नई किरण
इन महिलाओं की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं। इनका सफर यह दर्शाता है कि यदि सच्चे मन से कोई प्रयास किया जाए, तो उसे सफलता अवश्य मिलती है।